सोमवार, 7 जून 2010

घात

-मिलाप दूगड़

तूने एक तीर झोंका था।

बहुत तुझे रोका था।

ऐसा घात झेलने का वह

पहली ही मौका था।

अंग-अंग में मस्ती भर कर

दौड़ी सुन बंसी-स्वर मनहर

अवसर धर सत्वर शर मारा


कहर भरा धोखा था!

प्रथम वार ही बेध गया उर

कैसी कसक कर गई आतुर

इस पथ पर बढ़ने से पहले

कब-किसने टोका था!

तुझको क्या, बस बाण चला कर

डूब गए अपने में, जा कर,

मेरे ऊपर क्या बीतेगी

कभी जरा सोचा था ?

शनिवार, 5 जून 2010

वेणी के फूल




बिखरे चारों ओर कहो

किसकी वेणी के फूल !

अचरज है, जाने उसको ही

क्यों जाता हूं भूल !

प्रिय- नि:श्वासित, स्पर्श-सुवासित

स्नेहल बहे समीर,

जिसकी देन उसे विस्मृत कर

मन अत्यंत अधीर।

उसके सिवा कौन हो सकता

हेतु रहित अनुकूल !

हे अत्यंत! आनंद-प्रेम-धन

आकृति के आकार,

अपने उपवन में तू ही तू

है नित-नव साकार।

जब-जब तुझे बिसारूं तब-तब

भले चुभाना शूल।

-मिलाप दूगड़

प्रस्तुत पेंटिंग्स श्री मिलाप दूगड़ के द्वारा बनाई हुई हैं।

गुरुवार, 3 जून 2010

आहट

नील-पटल से श्यामल-घट की

आहट पाई आज।

भूतल की पायल में नूतन

रुन-झुन छाई आज।

कबसे ही धरती ने केवल

तेरी आस लगाई,

किसी और से कैसे जाती

इसकी प्यास बुझाई ?

तेरी आहट सुन मन-कलिका

स्मित मुसकाई आज।

सहसा सर-सर हवा बही तो

धरती ने कुछ भांपा

उड़ा न ले प्रिय को यह सौतन

सोच कलेजा कांपा।

उसे हिमालय भैया ने झट

पकड़ बिठाई आज।

-मिलाप दूगड़

बुधवार, 2 जून 2010

स्मृति – मन्दिर














मिलन – काल का एक एक पल,

अनुपम अनुभव – धाम बन गया।

पा ली तेरी स्नेह – दृष्टि अब,

लगता मेरा काम बन गया।

उस दिन जिस-जिस भाग्यवान को

स्पर्श मिला था तेरा,

रोम-रोम वह, रन्ध्र-रन्ध्र वह

पुलकित रहता मेरा।

वह स्पन्दन, स्फुरण सुमनशर

नित-नव अनुसन्धान बन गया।

तेरी चारु चेष्टा, मेरा

उर कर गई तरंगित,

मेरा हर पल, हर क्षण तेरी

प्रियता से आप्लावित

स्मृति की चूनर में तारों का

झिल-मिल दिव्य वितान बन गया।

सांसों की स्वर-लय संगति में

शब्द अकथ सज पाना,

अधरसुधा-सिंचित हृदयों का

एक-रूप हो जाना।

रस से भींगा युग-प्रसून वह

जीवन की मुस्कान बन गया।

स्मृति- मंदिर में उस निमेष की

प्राण-प्रतिष्ठा कर ली,

रीति-नीति से अर्चन-पूजन

की भी निष्ठा भर ली।

पर मिलाप के मधुर ध्यान में

विरह-ध्यान व्यवधान बन गया।

- मिलाप दूगड़

सभी चित्र 1 दिसंबर 2009 के हैं। इसमें श्री मिलाप दूगड़ मॉरीशस के राष्ट्रपति व उनकी श्रीमति के साथ प्रवासी फिल्म फेस्टिवल के समारोह सम्राट होटल दिल्ली मेंहामहिम अनिरूद्ध जगन्नाथ